हंस पर निबंध हिंदी में। Essay On Swan In Hindi
Essay On Swan In Hindi.
1.प्रस्तावना 2. शारीरिक बनावट 3.रहन -सहन 4.निवास स्थल 5.हंस की विशेषताएं 6. हंस का जीवन काल 7.धार्मिक महत्व 8. निष्कर्ष
Essay On Swan In Hindi.

प्रस्तावना-:
हंस बड़े आकार का सुंदर आकर्षक एवं शांत स्वभाव का पंछी है। ये स्वभाव से शर्मीले होते हैं। हंस की नदियां ,तालाब, झीले पसंदीदा जगह होती है।यह जलचर प्राणी होता है ।
शारीरिक बनावट-:
हंस का शरीर भारी होता है जिससे ये अधिक दूरी तक उड़ान नहीं भर पाते हैं। हंस काले और सफेद रंग के भी होते हैं। काले रंग के हंस न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पाये जाते हैं। भारत देश में श्वेत रंग के हंस पाये जाते हैं।
हंस का वजन लगभग 10 किलो. तक हो सकता है। इसके शरीर की लंबाई लगभग 140 सेमी.तक होती है। हंस की गर्दन लंबी, पतली, और घुमावदार होती है। हंस के पैर छोटे और झिल्लीदार होते हैं।इनकी आंखें छोटी और काले रंग की होती है। इसके पास दो पर/ पंख होते हैं जो उड़ने में सहायक होते हैं।
रहन सहन-:
हंस हमेशा जोड़े में रहना पसंद करता है।हंस पंछी में ये विशेषता होती है कि वो अपना सम्पूर्ण जीवन काल एक ही साथी के साथ व्यतीत करता है। किसी कारणवश एक की मृत्यु अथवा मौत हो जाती है तो वह अपना जीवन अकेले ही व्यतीत करता है।
हंस सूझबूझ और समझदारी के साथ अपनी जीवन संगिनी का चयन करता है और अपना सम्पूर्ण जीवन आंनद मय करता है। हंस बहुत ही विवेकशील और चतुर स्वभाव का पंछी होता है।हंस हमेशा जोड़े में दिखाई देता है।यह एक ऐसा पंछी है जो पानी में तैरते तैरते ही सो जाता है ।हंस पंछी अपना अधिकतम समय जल में ही व्यतीत करता है।
Essay On Swan In Hindi.
निवास स्थल-:
श्वेत हंस ही सबसे प्रसिद्ध होते है जो अधिकतर भारत में पाए जाते हैं। ये मानसरोवर की झीलों में पाए जाते हैं। हंस शरद ऋतु में नदियों ,तालाबों और झीलों के किनारे पर दिखाई देते हैं। भारत में हंस की प्रजाति विलुप्त के कगार पर है।
हंस एक वर्ष में 8 या 9 अंडे देता है। हंस अपने अंडे तालाबों, झीलों और नदियों के आस पास घास फूंस अथवा झाड़ियों में देता है।
जब तक अंडे से बच्चे बहार नहीं निकल आते तब तक मादा हंस अपने अंडों के पास रहती है। उस समय पर मादा हंस का भोजन नर हंस के द्वारा कराया जाता है।
40-50 दिन के अंतराल में अंडों से बच्चे बाहर निकलते हैं। मादा हंस अपने बच्चों की देखभाल बड़ी ही सूझबूझ और समझदारी के साथ करती है।हंस मांसाहारी पंछी होता है। हंस भोजन के रूप में छोटी मछलियां, कीड़े मकोड़े, अनाज और हरे शैवाल खाना पसंद करते हैं ।
हंस की विशेषताएं-:
पुराने समय के कुछ कवियों और विद्वानों का मानना है कि हंस नीर क्षीर पंछी होता है। हंस को अगर दूध में पानी मिलाकर पिलाया जाए तो हंस दूध को पी लेता है और पानी
को छोड़ देता है।इस प्रकार उसमे दुध और पानी को अलग करने की अदभुत क्षमता होती है।
हंस का जीवन काल-:
हंस का औसतन जीवनकाल 10-15 वर्ष तक हो सकता है। हंस बहुत ही सुंदर और रक्षात्मक प्राणी होता है।हंस की बच्चों अंडों और घोंसले के पास कोई जाने का प्रयास करता है तो हंस उस पर आक्रमण भी कर सकता है। सभी प्राणियों को अपनी आत्मरक्षा के लिए आक्रमण करने का स्वतंत्र अधिकार होता है।
धार्मिक महत्व-:
भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में हंस का बहुत अधिक महत्व है। हंस को शिक्षा की देवी मां सरस्वती का वाहन माना जाता है।
निष्कर्ष-:
भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में हंस को विवेकी पंछी के रूप में पहचाना जाता है।हंस बहुत ही सुंदर, आकर्षक और शांत स्वभाव का पंछी होता है।
हंस को नीर क्षीर पंछी माना जाता है।लेकिन वैज्ञानिक इस बात से सहमत नहीं है कि किसी भी पंछी के अंदर इस प्रकार की विशेषता हो सकती है।कुछ लोगों का मानना है कि हंस पंछी मोती चुगता है। ये सब काल्पनिक कहानियाँ है।

10 lines On hans word
1. हंस बहुत ही शांत, विवेकशील, समझदार और शर्मीले स्वभाव का पंछी होता है।
2. हंस का औसतन जीवन काल का समय लगभग 15-20 वर्ष का होता है।
3. हंस पंछी हमेशा जोड़े में रहना पसंद करता है।
4.भारतीय हिन्दू धर्म में हंस पंछी को विद्या की देवी मां सरस्वती की सवारी माना जाता है।
5. हंस एक बार में 8-9 अंडे देता है जिनसे 40-50 दिन बाद बच्चे बहार निकलते हैं।
6. हंस को नीर क्षीर पंछी माना जाता है जिसमें दूध और पानी को अलग करने की क्षमता होती है।
7. इसके शरीर का वजन लगभग 10 किलो. होता है और इसके शरीर की लंबाई लगभग 140 सेमी. होता है।
8. हंस जलचर पंछी होता है।
9. हंस पंछी मानसरोवर की झीलों में पाये जाते हैं।
10. हंस आत्मरक्षा की स्तिथी में आक्रमण भी कर सकता है।