लॉक डाउन पर निबंध हिंदी में।
Essay On Lockdown in Hindi
प्रस्तावना- Introduction-:
Table of Contents
- 1 लॉक डाउन का क्या अर्थ है? What is the meaning of lock down -:
- 2 लॉक डाउन के नियम – Lockdown rules-:
- 3 लॉक डाउन से प्राकृतिक परिवर्तन-Natural changes from lock down-:
- 4 आवश्यक प्रतिबंधित सेवाएं-Essential Restriction Services-:
- 5 लॉक डाउन के सकारात्मक प्रभाव-Positive effects of lockdown-:
- 6 लॉक डाउन के नकारात्मक प्रभाव-Negative effects of lock down-:
जब कोई देश भयानक महामारी या आपदा से गुजर रहा होता है और वह नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो ऐसी आपातकालीन स्थिति में सरकार देश को लॉक डाउन करके देश वासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें यथा स्थिति में रहने के लिए निर्देशित किया जाता है।
लॉक डाउन की स्थिति में उस देश के लोगों को घरों से बाहर नही निकलने की अनुमति नहीं होती है। ऐसी स्थिति में लोगों को सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के लिए बाहर निकलने की अनुमति मिलती है।
लॉक डाउन का क्या अर्थ है? What is the meaning of lock down -:
लॉक डाउन का अर्थ पूर्णतः तालाबंदी होता है। यह एक आपात कालीन व्यवस्था है जो किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू की जाती है।
दूसरे शब्दों में
लॉक डाउन एक आपात कालीन व्यवस्था है जो देश वासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठायी जाती है।
लॉक डाउन के नियम – Lockdown rules-:
भारत देश में डिजास्टर मैनेजमेंट कानून 2005 नियमों के तहत लॉक डाउन के मामलों में निपटा जाता है। लॉक डाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने पर दोषी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है
लॉक डाउन से प्राकृतिक परिवर्तन-Natural changes from lock down-:
- लॉक डाउन होने पर प्रकृति में कई प्रकार के परिवर्तन देखे जा सकते हैं। लॉक डाउन की पाबंदी कारण सभी प्रकार के व्यवसायों के बंद हो जाने के कारण नदियों में प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है।
- सभी जंगली जीव जंतु प्रकृति में स्वच्छंद विचरण करते हुए शांत वातावरण का आनंद ले रहे हैं।
- वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम होकर स्वछता का स्तर बढ़ रहा है।
- जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिग का खतरा कम होता जा रहा है।
आवश्यक प्रतिबंधित सेवाएं-
Essential Restriction Services-:
लॉक डाउन के समय पर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर समस्त सरकारी कार्यालयों, गैर सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, मॉल, दुकानों, गोदामों, और सभी परिवहन विभाग आदि सभी सेवाएं प्रतिबंधित रहतीं हैं।
आवश्यक सेवाओं में छूट-
Relaxation in essential services-:
लॉक डाउन के पश्चात लोगों की दैनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुछ आवश्यक वस्तुओं के लिए छूट प्रदान की जाती है। जैसे राशन, फल, सब्जियां, स्वास्थ्य सेवाएं, डाक सेवाएं, बैंक सेवाएं, पेट्रोल पंप सेवाओं में नियमों के अनुसार छूट दी जाती है। कुछ अन्य जरूरी सेवाओं के लिए भी सरकार छूट प्रदान करती है।
भारत में लॉक डाउन-
Lock down in india-:
भारत देश में कोरोना वायरस का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है। आज की स्थिति में ये वायरस भयानक महामारी का रूप ले चुका है।
लगातार कोरोना वायरस
के मरीजों की संख्या बढ़ने हमारे देश के प्रधान मंत्री ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन की घोषणा कर दी। लेकिन मरीजों की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि को देखते हुए पुनः 14 दिन यानी 3 मई 2020 तक लॉक डाउन बढ़ाने की घोषणा की।
ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है ।
लॉक डाउन के दौरान सरकार ने सभी देश वासियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य कर दिया है।सोशल डिस्टेंसिंग से वायरस का खतरा कम हो जाता है।
लॉक डाउन के सकारात्मक प्रभाव-Positive effects of lockdown-:
लॉक डाउन के प्रभाव के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जब लोग घरों से निकलेंगे नहीं तो कोरोना फैलेगा ही नहीं।
लॉक डाउन में सभी क्षेत्रों की सीमाएं सील कर दी जाती हैं। जिससे कोई भी व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह पर न जा सके।
इस प्रकार से भी कोरोना के प्रभाव को रोका जा सकता है।
जिस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाए जाते हैं उस पूरे क्षेत्र को हॉट स्पॉट कर दिया जाता है। उस क्षेत्र में सभी प्रकार की आवाजाही बंद कर दी जाती है और लोगों को घरों में ही रहने के लिए निर्देशित किया जाता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो होम क्वारन्टीन किया जाता है।
सभी प्रकार की जरूरी सुविधाएं शासन के द्वारा उपलब्ध करवायीं जातीं हैं।
लॉक डाउन के नकारात्मक प्रभाव-Negative effects of lock down-:
लॉक डाउन के प्रभाव से लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। लॉक डाउन का प्रभाव हमारे देश की अर्थ व्यवस्था पर पड़ रहा है। सभी प्रकार के व्यवसायों के बंद पड़ जाने से देश का विकास रुक जाता है।
गरीब दिहाड़ी मजदूरों के लिए लॉक डाउन श्राप होता है। लॉक डाउन के प्रभाव के कारण इन लोगों की स्थिति खराब हो जाती है। आय के साधन न होने के कारण इन लोगों की भूँख से म्रत्यु तक हो जाती है।
अगर कोई व्यक्ति लॉक डाउन का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है। कोई भी सरकार लॉक डाउन जब लगाती है जब किसी माहमारी या आपदा के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर होती है तो उस देश की सरकार अपने देश वासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉक डाउन का निर्णय लेती है।
निष्कर्ष- Conclusion -:
लॉक डाउन आपातकालीन स्थिति में लिया हुआ एक महत्वपूर्ण फैसला होता है। आज तक के इतिहास में भारत देश में कभी भी लॉक डाउन नही हुआ है। कोरोना एक वैश्विक महामारी बन चुका है।
इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉक डाउन ही एक मात्र सफल उपाय है। लॉक डाउन के प्रभाव से देश की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अधिक दिनों तक लॉक डाउन जारी रखने पर देश कई वर्षों पीछे चला जायेगा।
भारत जैसे बड़े देश को एक दम से पूर्णतः बंद कर देना कोई सामान्य कार्य नहीं है। किसी भी देश को लॉक डाउन करने से पहले उन देश वासियों को यह समझाया जाता हैं कि सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय आम जनता के हित में है।