जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में। Essay On Water pollution in Hindi
जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में।
Essay On Water pollution in Hindi

प्रस्तावना-Introduction-:
वर्तमान समय में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है ।जल प्रदूषण मनुष्य की दैनिक मूलभूत सुविधाओं के कारण भी फैल रहा है। जल प्रदूषण की समस्या विश्व के सभी देशों को विचार करने को विवश करती है।जल मनुष्य के जीवन के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है।
जल के बिना मानव जीवन की कल्पना असंभव है। जल ही मनुष्य के जीवन का आधार है इसके बिना मनुष्य पशु ,पंछी कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है। जल का प्रयोग हमें अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए सीमित मात्रा में करना चाहिए। जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए ।

जल प्रदूषण की परिभाषा-
Definition of Water Pollution-:
मनुष्य की दैनिक भौतिक रासायनिक जल क्रियाओं के द्वारा उत्पन्न होने वाले हानिकारक परिवर्तन को जल प्रदूषण कहते हैं।
जल प्रदूषण के कारण – Reasons of Water poll ution-:

- धार्मिक विशेषताओं के कारण लोग नदियों, तालाबों आदि के जल में पूजन सामग्री,मूर्ति विसर्जन करते हैं जिससे नदियों का जल दूषित होता है।
- औद्योगिक कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों को जल में प्रवाहित किया जाता है जिससे जल में हानिकारक तत्व मिल जाते हैं।
- शहरों में सीवरों के दूषित पानी को नदियों में छोड़ने के कारण नदियों का जल दूषित हो जाता है।
- नदियों के जल में मृत जीव जंतु सड़े गले पदार्थों को डालने से भी प्रदूषण फैलता है।
- कुछ स्थानों पर स्वच्छ भारत अभियान के शौचालयों के पानी को नदियो में छोड़ा जा रहा है।जिससे पानी की स्वच्छता में कमी होती जा रही है।
- समुद्र में पानी के जहाजों से तैलीय पदार्थों के रिसाव के कारण भी जल प्रदूषित होता है।जिससे समुद्री जीव जंतुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- लगातार हो रहे परमाणु परीक्षणों के कारण भी जल प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है।
- मनुष्यों और पशुओं के नदियो में नहाने से भी जल प्रदूषित होता है।
9 . मनुष्य की निजी अभिलासाओं के कारण भी जल प्रदूषण होता है जैसे स्वीमिंग पूल ,वाशिंग सेंटर आदि।
10 . वर्षा ऋतु के मौसम में वर्षा जल के साथ प्रदूषित जल, अपशिष्ट पदार्थ पशुओं और मनुष्यों के अपशिष्ट पदार्थों का एक साथ मिल कर बह जाना जल प्रदूषण को बढ़ावा देता है।
जल प्रदूषण के उपाय-:
Solutions of Water Pollution-:
- हमें नदियों ,तालाबों, झीलों आदि के जल में मूर्ति विसर्जन, पूजन सामग्री और मृत जीव जंतुओं को नहीं डालना चाहिए।
- नदियों तालाबों आदि में जलीय जीवों के पालन को बढ़ाना चाहिए।जलीय जीव जल से हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को खाकर जल प्रदूषण को कम करते हैं।
- नगर निगम और नगर पालिका को शहरों में उत्पन्न होने वाले कचरे और सीवेज के जल का उचित प्रबंध करना चाहिए।
- हमें नदियों, तालाबों, नहरों आदि के जल में प्लास्टिक कचरा व अन्य सड़े गले पदार्थों को नहीं फैंकना चाहिए।
- शासन प्रशासन के द्वारा समय समय पर नदियों, तालाबों, नहरों आदि की उचित साफ सफाई करनी चाहिए।
- हमें फसलों में कीटनाशक, जीवनाशक और रसायनों के प्रयोग को कम करना चाहिए। जैविक घरेलू खाद का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
- सरकार के द्वारा लोगों को जल प्रदूषण के दुष्परिणाम,बचाव के नियमों के बारे में जागरूक करना चाहिए।नियमों का पालन नहीं करने पर कठोर सजा का प्रावधान रखना चाहिए।
- जल स्रोतों में नहाने, कपड़े धोने, पशुओं को नहलाने, बर्तन साफ करना आदि सभी को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। इस प्रकार से जल प्रदूषण कम हो सकता है।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को औद्योगिक व्यवसायियों के कारखानों के द्वारा निकले हुए केमिकल, दुगंध युक्त जल के निकास का उचित प्रबंध करवाना चाहिए। नियमों का पालन नहीं करने पर मुकदमा पंजीकृत करना चाहिए।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों को जल प्रदूषण के दुष्परिणाम बचाव के बारे में लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए।
जल प्रदूषण के दुष्परिणाम- Side effects of water pollution-:

- जल प्रदूषण के कारण मनुष्य के जीवन में अनेक प्रकार के दुष्परिणाम आ रहे हैं।
- जल प्रदूषण के प्रभाव से जल स्रोतों में जलीय जीव विलुप्त होते जा रहे हैं।
- दूषित जल पीने से मनुष्य के अंदर कई प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ रहा है।
- जल प्रदूषण के कारण जल की गुणवत्ता में कमी होती जा रही है।कई स्थानों पर जल पीने योग्य नहीं रहा है।
- फसल सिंचाई में प्रदूषित जल के प्रयोग से फसलों की वृद्धि पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- लगातार हो रहे परमाणु परीक्षणों से नाभिकीय कणों का जल में मिल जाने से समुंद्री जीवों और वनस्पतियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है ।
- भारत में जल प्रदूषण की शिकार सबसे अधिक नदियां हो रही हैं। भारतीय संस्कृति में नदियों को मां समान माना जाता है।मां अपनी संतान को स्वच्छ जल और स्वस्थ जीवन देना चाहती है।वही इंसान उसको प्रदूषित करके अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। अन्य देशों की तुलना में भारत देश में नदियां सबसे अधिक प्रदूषित हैं। ये हमारी अनभिज्ञता का कारण है।
निष्कर्ष- Conclusion -:

जल प्रदूषण मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।इसके कारण कई प्रकार की बीमारियां पनप रही हैं।प्रदूषित जल में मच्छर और कीटाणु पनप रहे हैं।प्रदूषित जल के पास लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है।इस दुगंध युक्त जल के कारण सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो रही है।
पीने के पानी की गुणवत्ता कम होती जा रही है। प्राकृतिक वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है। हमें इस प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्वयं को प्रदूषण के प्रति जागरूक होना चाहिए और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।

इस प्रदूषण को जिम्मेदारी मनुष्य की है। अगर मनुष्य प्रदूषण को रोकने में सक्षम होता है तो हमारी नदियां, तालाब , झीलें आदि फिर से स्वच्छ हो जाएंगी।
स्वच्छ जल होगा तो स्वस्थ जीवन होगा ।