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Essay On Peacock In Hindi.
1.प्रस्तावना 2.शारीरिक बनावट 3.आश्रय स्थल 4.पंखों का प्रयोग 5. धार्मिक विशेषताएं 6. मोर का भोजन 7.मोर प्रकृति में संबंध 8. निष्कर्ष
प्रस्तावना-: peacock
मोर बहुत ही सुंदर हरे नीले और चमकीले रंग का पंछी है। मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पंछी है। यह सभी पंछियों में सुंदर और आकर्षक होता है। मोर को मयूर के नाम से भी पहचाना जाता है।
शारीरिक बनावट-: peacock
मोर की लंबाई लगभग 2 मी. होती है।इसका वजन 6 किलोग्राम तक हो सकता है। मोर को ईश्वर ने सबसे सुंदर और आकर्षक रूप दिया है। इसकी गर्दन का रंग नीला होता है। इसके पंखों पर हरे,नीले, पीले और चांद के आकार के धब्बे होते हैं।मोर की टाँगे मजबूत और सुदृण होती है। इसके पैर वी आकार के होते हैं। इसके पंख 1 सेमी. से लेकर 100 सेमी.तक लंबे होते हैं। मादा मोर का रंग थोड़ा सा भिन्न होता है। मादा मोर को स्थानीय भाषा में मोरनी कहते हैं। मोर के पंख सूंदर औरअधिक चमकीले होते हैं। इसके सिर पर एक सुंदर मुकुट जैसी कलंगी होती है। यह मध्यम आकार का पंछी होता है।इसके पंखों की लंबाई लगभग100 से 150 सेमी.तक होती है।
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आश्रय स्थल:
मोर घने जंगलों और कम आबादी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं । ये अधिकतर नदियों, तालाबों और झरनों के आस पास पाये जाते हैं। मोर शांत और शर्मीले स्वभाव का पंछी होता है। मोर घनी झाड़ियों में अपना घोंसला बनाते हैं मोरनी घोंसले के अंदर अंडे देती है। जब तक अंडों से बच्चे बहार नहीं आ जाते तब तक मोरनी अंडों के आस पास में ही रहती है। 30 से 40 दिनों के अंदर अंडे से बच्चे बहार निकलते हैं।मोर रात्री के समय पर पेड़ों पर विश्राम करते हैं। शारीरिक वजन अधिक होने के कारण मोर लंबी दूरी तक उड़ान नहीं भर पाते हैं।वे ज्यादा तर पैदल दौड़ाने में सक्षम होते हैं।
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पंखों का प्रयोग-: peacock bird
मोर के पंखों का प्रयोग रोगों के उपचार के रूप में किया जाता है।इसका प्रयोग औद्योगिक व्यवसायों में भी किया जाता है।
धार्मिक विशेषताएं-:
हिन्दू धर्म में मोर का बहुत अधिक महत्व है। हिंदू ग्रंथों में मोर महादेव के पुत्र कार्तिकेय की सवारी है। भगवान श्रीकृष्ण मोर के पंख को अपने मुकुट पर धारण करते हैं।मोर के पंखो का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मोर का पंख घर में रखने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। मोर पंछी अनेक धार्मिक मान्यताओं का प्रतीक है।
मोर का भोजन-:
मोर अधिकतर जंगलों में ही पाये जाते हैं तो उनका भोजन कीड़े मकोड़े होते हैं जो मोर सामान्यतः कम आबादी वाले क्षेत्रों में होते हैं वो भोजन के रूप में अनाज और कीड़े मकोड़े खाते हैं। मोर सांप का शिकार करने में बहुत ही माहिर पंछी है।
मोर प्रकृति का संबंध-:
मोर और प्रकृति का अटूट संबंध है। मोर वर्षाऋतु के मौसम में हरे भरे प्राकृतिक वातावरण में नाचते हैं तो उनकी सुंदरता का अलग ही स्वरूप होता है। जब बादल गरजते हैं और आकाशीय बिजली कडकती है तो मोर कांव कांव की आवाज निकलते हैं।
मोर की आवाज प्यारी और सुरीली होती है। मोर को बारिश का मौसम सबसे अधिक प्रिय है। इस मौसम में मोरनियाँ मोर के आस पास खड़ी हो जाती हैं और मोर अपने सुदंर नृत्य का प्रदर्शन करता है। मोर जंगलों जानवरों और मनुष्य की आवाज से डरते हैं।
निष्कर्ष-:
मोर भारत देश में पाए जाने वाली सुंदर पंछियों की प्रजातियों में से एक है। मोर को पंछियों का राजा भी कहा जाता है।प्रकृति ने मोर को सुंदर और आकर्षक रूप रंग दिया है। इसकी शारीरिक बनावट अन्य पंछियों की तुलना में भिन्न है।
मोर अपनी सुंदरता के कारण सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। मोर की औसत आयु लगभग 10 से 25 वर्ष तक होती है। मोर अधिकतर समूह में रहना पसंद करते हैं।